शनिवार, 11 जनवरी 2014

कोटा में सेवन वंडर पार्क से शहर पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र

कोटा में सेवन वंडर पार्क 
कोटा। 2013 में बने 7 वंडर पार्क का निर्माण कोटा शहर के लिए एक नई देन है। कोटा शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा कहलाने लगा है। यहाँ भारत के चारों ओर से शिक्षार्थी पढ़ने और कोचिंग लेने आते हैं। इंजीनियरिंग में आईआईटी और एआई ईईई व पीईटी व मेडिकल की परीक्षाओं की कोचिंग के लिए हर वर्ष लगभग डेढ़ से दो लाख शिक्षार्थी आते हैं। इसी क्रम में कई नई उप‍लब्धि कोटा ने और हासिल की है। 3 किलोमीटर के क्षेत्र में सी-बी- गार्डन में आम पर्यटकों के लिए चली ट्रेन, शहीद स्‍मारक पर हर दम फहराता तिरंगा,कोटा के नये चुम्‍बकीय शहर में घटोत्‍कच-कर्ण युद्ध का दृश्‍य झलकाता चौराहा।  भारत में केवल कोटा में 2007 में दुनिया को सात आश्‍चर्यों में शामिल ताजमहल सहित अन्‍य छह दुनिया के आश्‍चर्यों वाला सेवन वंडर पार्क, सरोवर में फैला मेगा फ्लोटिंग फाउंटेन्‍स आदि। आइये कोटा और देखिये उसे पर्दे पर। 
कर्ण घटोत्‍कच चौराहा 
चम्‍बल नदी में स्‍कींग का आनंद 



ई पत्रिका 'अनहद कृति' में रचना प्रकाशित

ई पत्रिका 'अनहद कृति' में रचना 'शिक्षा ऐसी हो' प्रकाशित। त्रैमासिक ई पत्रिका के 4 दिसम्‍बर 2013 के अंक में इस पत्रिका का अवलोकन करें और रचनाकारों को अपने विचार प्रेषित करें। रचना प्रकाशन के लिए अनहदकृति परिवार को आभार।  ई पत्रिका एक सशक्‍त पत्रिका हैं। साहित्यिक विचारोत्‍तेजक स्‍तम्‍भों स्‍मृति शेष साहित्‍याकारों की रचनायें, कवितायें, ग़ज़ल, हास्‍य व्‍यंग्‍य, नाटक, बाल साहित्‍य आदि विभिन्‍न विषयों पर रचनाओं का संकलन इस पत्रिका की विशेषतायें हैं। रचनाकार इससे जुड़ने के लिए अनहद कृति पर जायें और पंजीकऱण कर उससे जुड़ें। अपनी रचनायें ई पत्रिका में पहुँच कर ही भेजी जा सकती हैं।   

शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

डा0 रघुनाथ मिश्र के नये ग़ज़ल संग्रह 'प्राण पखेरू' का लोकार्पण 23 मार्च को साहित्यिक एवं सांस्‍कृतिक कला संगम अकादमी परियावाँ में


डा0 रघुनाथ मिश्र 'सहज'
गोपाल कृष्‍ण भट्ट 'आकुल'
कोटा। कोटा के प्रख्‍यात वरिष्‍ठ जनवादी कवि डा0 रघुनाथ मिश्र 'स‍हज' के नये ग़ज़ल संग्रह 'प्राण पखेरू' का लोकार्पण साहित्यिक एवं सांस्‍कृतिक कलासंगम अकादमी, परियावाँ, जिला प्रतापगढ़ में 22-23 मार्च 2014 को अकादमी के भव्‍य समारोह में होना निश्चित हुआ है। अकादमी के संस्‍थापक एवं प्रबंधक डा0 वृन्‍दावन त्रिपाठी 'रत्‍नेश' ने दूरभाष पर डा0 मिश्र को अकादमी के समारोह में पुस्‍तक के की सहमति प्रदान कर दी है। इस कार्यक्रम में डा0 सहज के साथ   डा0 गोपाल कृष्‍ण भट्ट 'आकुल' भी जायेंगे। प्रतिवर्ष होने वाले अकादमी के समारोह में भारत के अनेकों प्रान्‍तों के साहित्‍यकार, विद्वानों को आमंत्रित एवं सम्‍मानित किया जाता है। पूर्व में डा0 मिश्र व डा0 'आकुल' को अकादमी द्वारा सम्‍मानित किया जा चुका है। अकादमी में अन्‍य साहित्यिक संस्‍थायें भी सम्मिलित हो कर अपने कार्यक्रम करती हैं। जिनमें कोलकाता की भारतीय वाड्.मय पीठ, तारिका विचार मंच आदि कई संस्‍थायें भी साहित्‍यकारों को सम्‍मानित करती है। डा0  रघुनाथ मिश्र  'सहज' का यह दूसरा ग़ज़ल संग्रह है। पहला संग्रह 'सोच ले तू किधर जा रहा है' 2008 में जनवादी लेखक संघ, कोटा चेप्‍टर के 2008 में मनाये गये सृजन वर्ष में प्रकाशित हुआ था। डा0 मिश्र को इस पुस्‍तक पर ढेरों सम्‍मान व पुरस्‍कार प्राप्‍त हुए थे। डा0 'आकुल' ने डा0 'सहज' को बधाई दी। अखिल भारतीय स्‍तर पर अपनी जल्‍दी ही पहचान बनाने वाले डा0 मिश्र गीत, ग़ज़ल, हाइकु, दोहा ग़ज़ल, कविताएँ आदि के जाने माने हस्‍ताक्षर हैं। आपकी पुस्‍तक 'प्राण पखेरू' को क्लिक कर पूरा पढ़ें।