रविवार, 14 अगस्त 2016

सान्निध्य: सुरेश चंद्र सर्वहारा की नयी पुस्‍तक 'ढलती हुई धूप'...

सान्निध्य: सुरेश चंद्र सर्वहारा की नयी पुस्‍तक 'ढलती हुई धूप'...: जीने की लालसा जगाती ढलती हुई धूप जीने को मन करता ही है। मौन संदेश मिलते हैं, आँखे ढूँढती रहती है, छाँह, संतोष, आश्रय, सुरक्षा और बहाना...

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