शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

गणेशाष्‍टक

जय गणेश जय गणेश गणपति जय गणेश।।
1
धरा सदृश माता है माँ की परिकम्‍मा कर आए।
एकदन्‍त गणनायक गणपति प्रथम पूज्‍य कहलाए।।
प्रथम पूज्‍य कहलाए गणपति जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश...........।।
2
लाभ-क्षेम दो पुत्र, ऋद्धि-सिद्ध के स्‍वामि गजानन।
अभय और वर मुद्रा में करते कल्‍याण गजानन।।
करते कल्‍याण गजानन गणपति जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश..........।।
3
मानव-देव-असुर पूजें व त्रिदेवों ने गुण गाये।
धर त्रिपुण्‍ड मस्‍तक पर, शशिधर भालचन्‍द्र कहलाए।।
भालचन्‍द्र कहलाए गणपति जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश ..........।।
4
असुर-नाग-नर-देव स्‍थापक,चतुर्वेद के ज्ञाता।
जन्‍म चतुर्थी, धर्म-अर्थ और काम-मोक्ष के दाता।।
काम-मोक्ष के दाता गणपति जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश..........।।
5
पंचदेव और पंच महाभूतों में प्रमुख कहाए।
बिना रुके लिख महाभारत महा-आशुलिपिक कहलाए।।
आशुलिपिक कहलाए गणपति जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश ...........।।
6


अंकुश-पाश-गदा-खड्.ग -लड्डू-चक्र-षट्भुजा धारे।
मोदक प्रिय, मूषक वाहन प्रिय, शैलसुता के प्‍यारे।।
शैलसुता के प्‍यार गणपति जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश..........।।
7
सप्‍ताक्षर 'गणपतये नम:' सप्‍त चक्र मूलाधारी।
विद्यावारिधि, वाचस्‍पति, महामहोपाध्‍याय* अनुसारी।।
जपो सदा ''गणपतये नमन:'' जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश..........।।
8
छन्‍दशास्‍त्र के अष्‍टगणाधिष्‍ठाता अष्‍टविनायक।
'आकुल' जय गणेश, जय गणपति सबके कष्‍ट निवारक।।
सबके कष्‍ट निवारक गणपति, जय गणेश।
जय गणेश जय गणेश..........।।

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